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Deepdan-sangharsh Ke Moti-Hindi Kavita आओ फिर ;दीपक जलाएं | aao fir Deepak jalaye | Modi Ji Ke Khne Par likhi kavita

2020-07-24 2 Dailymotion

दीपदान ( "आओ फिर दीपक जलाएं" )<br /><br /><br /><br /> दीपदान<br /> "आओ फिर दीपक जलाएं"<br /><br /><br /><br />आओ फिर ;दीपक जलाएं ,<br /><br />घने तिमिर के; आगोश में, ‘रोशनी की क्रांति लाएं’ |<br /><br />घर-गली, गांव-देश ; जगमगाए,<br /><br />आओ फिर ;दीपक जलाएं ||<br /><br /><br /><br />मन का दीया, आशा की बाती,<br /><br />संकल्प - शक्ति का तेल मिलाएं<br /><br />तपस्या की, अग्नि से; ज्ञान ज्योति प्रज्वलित कराएं ,<br /><br />आओ फिर दीपक जलाएं ||<br /><br /><br /><br />“नकारात्मकता -उदासीनता” ‘कीट-पतंग भांति जल जाए ,<br /><br />जात पात को छोड़कर, देश हित में कदम उठाएं,<br /><br /> विश्व गुरु थे!!! विश्व गुरु हैं!!! “विश्व समक्ष प्रेरणा बन जाए” ,<br /><br />आओ फिर दीपक जलाएं ||<br /><br /><br /><br />यह है:, प्रश्नचिन्ह मानव जाति पर ,<br /><br />‘काल’ आ पहुंचा है, ‘ अब दर पर ,<br /><br />सत्कर्म की “दीप-पुंज” से महाकाल को मनाए<br /><br />आओ फिर दीपक जलाएं ||<br /><br /><br /><br />‘रात्रि अंधकार की’ , जब तक न ढल जाए,<br /><br />‘आपदा की घड़ियां’ ,जब तक न टल जाए ,<br /><br />पालन करें नियमों का, “स्वयं’ को “सशक्त-सफल” बनाएं<br /><br />आओ फिर ,दीपक जलाएं ||<br />

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